Banyan Tree in Hindi | बरगद का पेड़

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Banyan Tree in Hindi

Banyan Tree in Hindi: Banyan Tree को हिंदी में बरगद का पेड़ कहते है। यह पेड़ भारत का राष्‍ट्रीय वृक्ष है। इसे ‘वट’, ‘बट’ ‘बड़’ या ‘बर’ भी कहते हैं। बरगद ‘शहतूत’ या ‘मोरेसी’ कुल का पेड़ है। Banyan Tree का वानस्पतिक नाम (Botanical Name) ‘फिकस बेंगालेंसिस (Ficus bengalensis) और अंग्रेज़ी नाम “Banyan Tree” है।

बरगद का पेड़ (Banyan Tree in Hindi) को भारत का राष्ट्रीय पेड़ है। यह पेड़ अपनी हवा में टहनियों से लटकती जड़ों के कारण बहुत ही जल्दी से बड़ा हो जाता है। इसकी जड़ें मिट्टी को पकड़ के रखती है और पत्तियां हवा को शुद्ध करती हैं। बरगद के पेड़ की पत्तियाँ, तना, आदि को तोड़ने पर इसमे से दूध जैसा द्रव्य (रस) निकलता है, जिसे लेटेक्स कहते है।

बरगद का वृक्ष एक दीर्घजीवी विशाल वृक्ष है। हिन्दू समाज में इसे पूजनीय माना जाता है। ऐसा मानते हैं इसकी पूजा करने से और इसकी जड़ में जल अर्पण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह वृक्ष त्रिमूर्ति का प्रतीक है। इसकी छाल में विष्णु, जड़ में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव जी का वास माना जाता है। हिन्दू समाज में जिस तरह से पीपल के पेड़ को विष्णु जी का प्रतीक मानते है, उसी प्रकार बरगद के पेड़ को शिव जी का प्रतीक माना जाता है। यह प्रकृति के सृजन का प्रतीक है। इसलिए संतान के इच्छित लोग इसकी विशेष पूजा करते हैं। बरगद का पेड़ बहुत लम्बे समय तक जीवित रहता है। इसलिए, इसे “अक्षयवट” भी कहते है।

Banyan Tree in Hindi
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बरगद का फल के फायदे | Health Benefits Of Banyan Fruit

भारत में ऐसा शायद ही कोई इंसान होगा जिसको Banyan Tree मतलब बरगद के पेड़ के बारे में पता न हो। आप अपने आस-पास इस विशालकाय पेड़ को देखा ही होगा। Banyan Tree (बरगद का पेड़) की पूजा उत्तर भारत के कई राज्यों में की जाती है। आप ने देखा होगा की इस पेड़ के नीचे बरगद के फल गिरते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह फल हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है? एक रिपोर्ट के अनुसार, बरगद के फल खनिज लवणों (mineral salts), एंटीऑक्सीडेंट और एनाल्जेसिक गुणों से भरपूर होते हैं जो उच्च रक्तचाप (high blood pressure) से लेकर कोरोनरी हृदय रोग (Coronary heart disease) के जोखिम को कम करने में सहायक है।

इम्यूनिटी बूस्टर है बरगद का पेड़

कोरोना काल के दौर में हर कोई अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए नए-नए तरीके आजमा रहा है, इन्ही में से एक तरीका बरगद का फल भी है। बरगद का फल भी एक इम्यूनिटी बूस्टर है। इम्यूनिटी बढ़ाने में बरगद का फल काफी फायदेमंद होता है। यह आपको कई बीमारियों से बचाता है और आपको खांसी, जुकाम, फ्लू आदि से भी दूर रखता है।

बरगद का फल आयुर्वेद औषधियों में प्रयोग होता है

आयुर्वेद में इस पेड़ को वट वृक्ष के नाम से जाना जाता है। बरगद के पेड़ से मिलने वाली हर एक चीज का प्रयोग प्राचीन काल से ही कई तरह की औषधि के रूप में किया जाता है। बरगद के फल से लेकर इसकी दूध, छाल, पत्ते और बीजों का भी कई रोगों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

बरगद के फल के पोषक तत्व

इसका वानस्पतिक नाम फिकस बेंगालेंसिस है। इस पेड़ के फल में भरपूर मात्रा में फाइबर, कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, प्रोटीन, विटामिन बी1, विटामिन बी3 होता है। इसके अलावा इसकी पत्तियों में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है। बरगद में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर में कोलेस्ट्रॉल के मात्रा को कंट्रोल करने में लाभदायक होता है।

दिल के लिए फायदेमंद

बरगद के पेड़ के फल में पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, ओमेगा 3 और 6 प्रचूर मात्र में होते हैं, जो स्वस्थ दिल के लिए बहुत आवश्यक होता हैं। दिल का दौरा (Heart Attack) आमतौर पर तब होता है जब मानव शरीर में सोडियम का मात्रा बढ़ जाता है जिसके कारण शरीर की धमनियां काम करना बंद कर देती हैं। सोडियम का हाई लेवल धमनियों को संकुचित (shrink) करता है और पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन की स्पीड को धीमा कर देता है।

बरगद के फल में मौजूद सोडियम, पोटैशियम के स्तर को कम करने में मददगार होता है। इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो रक्तचाप को कम करने में और कोरोनरी हृदय रोग को रोकने के लिए सहायक होते हैं। ऐसे में अगर कोई दिन में एक बार भी बरगद के पेड़ के फल का सेवन करे तो अचानक दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो सकता है।

मधुमेह में लाभदायक

अगर मधुमेह के रोगी प्रतिदिन बरगद के फल के चूर्ण का सेवन करें तो उन्हें इसके जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। मधुमेह के मरीज चाहें तो बाजार से इसका पाउडर ले सकते हैं या फिर घर पर इसको उबाल कर इसका पानी पी सकते हैं।

पेट के रोग को दूर करता है

अगर आप डायरिया और पेचिश से परेशान हैं तो बरगद के पत्तों की कलियां बहुत फायदेमंद होती हैं। आयुर्वेद में इसका उपयोग पुराने दस्त और पेचिश के इलाज के लिए किया जाता है।

इन समस्याओं से भी दिलाता राहत

आयुर्वेद में चर्म रोगों (skin disease) के इलाज के लिए भी बरगद के पेड़ की छाल और पत्तों का प्रयोग किया जाता है। जोड़ों के दर्द को भी कम करने में बरगद के पत्तों का पानी मदद कर सकता है। इसके लिए आपको इसके पाउडर को गर्म पानी में मिलाना है और फिर उस पानी में पैर डालने हैं, इससे आपका दर्द कम हो जाएगा।

बार-बार पेशाब आने का इलाज

बरगद के फल के बीजों को बारीक पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट का 1 या 2 ग्राम की मात्रा में सुबह गाय के दूध के साथ सेवन करें। इसके सेवन से बार-बार पेशाब आने की समस्या दूर हो जाती है।

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